जो रखती है कोख में
सहती है हर दुःख
पिलाती है दूध
सींचती है अपना
लहू पिला कर
वो माँ है
जो छुपाती है आँचल में
उतरती है नज़र,
दुलारती है प्यार से
सहती है हर गम
खुश होकर, न करती शिकवा
वो माँ है
एक माँ ही तो है
जो रखकर खुद फांका
डालती है निवाला
अपनी औलाद के मुह में
और कह देती है
आज भूख नहीं है
खाने का मन नहीं है
वो माँ है
सहती है कडवी बाते
औलाद की, बहु की भी
रोती है रात भर
भिगोती है आँचल
फिर भी सुबह
हस कर देती है दुआ
दिल से, बिना कोई
शिकवा किए
तो वो सिर्फ माँ है
बन जाती है ढाल
सह लेती है हर
दुःख, हर परेशानी
छीन लेती है
हर मुसीबत को
अपनी औलाद पर से
बन जाती है देवी,
झुक जाते है भगवान् भी
जिसके सामने हार कर
तो वो सिर्फ माँ है , माँ है
सिर्फ माँ है
Posts Tagged ‘poem on karun ras in hindi’
वो सिर्फ माँ है , माँ है सिर्फ माँ है
Posted: September 5, 2013 in GeneralTags: A POEM ON MOTHER, HINDI KAVITA, karun ras kavita, Karun Ras Poem, poem on karun ras in hindi, poem on Maa, Poem on Mother, poem on mother in Hindi, poem on my mother, poems on karun ras, short poem on mother, Vyang Kavita in Hindi
सुना था मैंने नहीं कभी कवी ने सूरज को धुन्दला बतलाया
Posted: January 12, 2013 in Veer Ras, VyangTags: krodh ras, patriotic hindi poems, poem on karun ras in hindi, poems, poems on karun ras, shringar ras poems in hindi, Veer Ras, Veer Ras Hindi Poems collection, Veer Ras Hindi Poetry, Veer Ras Kavi, veer ras kavita, Veer Ras ki Kavita, Vyang in Hindi, Vyang Kavita in Hindi
एक कवी की उसी के ही तरीके से
जवाब देने की एक छोटी सी कोशिश
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सुना था मैंने नहीं कभी कवी ने
सूरज को धुन्दला बतलाया
थामी जिसने कलम की ताकत
उसका नहीं ज़मीर बिक पाया
पर अब हर मोड़ और हर नुक्कड़ पर
धोखे बाज़ खड़े है
पहन देश भक्ति का चोला
काले गद्दार खड़े है
ऐसे ऐसे कवी हुए है
जिनकी कलम में स्याही नहीं, लहू भरा था
अपनी कलम के बल पर जिसने
क्रांति का अग्नि पथ लिखा था
तेरे देश में देख रवि अब
ऐसे झूठे लेखक कवी खड़े है
सत्ता हथियाने की ललक में जिनके
ज़मीर धरती पर मुर्दों की तरह गड़े है
पुनः जन्म लो इश्वर फिर से लेकर कोई नाम
Posted: January 10, 2013 in Veer Ras, VyangTags: Hindi, hindi kavitayein, hindi poems, hindi veer ras kavita for youth, Huge collection of Veer Ras Poems, indian patriotic poems, karun ras kavita, krodh ras, patriotic hindi poems, patriotic quotes, poem on karun ras in hindi, poems, poets, Veer Ras, Veer Ras Hindi Poems collection
द्वापर युग कृष्ण रूप में जन्मे
त्रेता में तुम जन्मे बनकर राम
पुनः जन्म लो इश्वर फिर से,
लेकर कोई नाम
धर कर कोई नाम धरती पर
महाभारत सा खेल रचाओ
भारत माँ की लुटती अस्मत
हे कृष्ण हे राम बचाओ
सत्ता पर बैठे दुस्शाशन
फिर से नारी का चीर हरे है
राष्ट्रद्रोही लोगो की झमघट से
सत्ता सिंहासन अटे पड़े है
पुनः धरो तुम रूप राम का
या फिर चक्र सुदर्शन लाओ
इस पुण्य भूमि के हित को
पुनः अर्जुन को गांडीव थमाओ
दो श्री राम आशीष हमें हम
हनुमान सी ताकत पाएं
ढा शत्रु की लंका फिर से
भारत माँ की लाज बचाएँ
आतताइयों के हाथ अब
मस्तक तक पहुँच रहे है
मस्तक कटे धड वीरो के
अब प्रतुत्यर मांग रहे है
ध्रितराष्ट्र सा अंधापन
भारत में फिर से दीख रहा है
कृष्ण राह दिखलायेंगे क्या फिर से
हर भारतवंशी अर्जुन पूछ रहा है
द्वापर युग कृष्ण रूप में जन्मे
त्रेता तुम जन्मे बनकर राम
पुनः जन्म लो इश्वर फिर से
लेकर कोई नाम
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जय श्री राम
रवि कुमार ” रवि”
आओ तुम्हे बंगाल दिखा दू
Posted: November 7, 2012 in GeneralTags: hasya ras, hasya ras kavi sammelan, hasya ras kavita for kids, hasya ras kavita in hindi, hasya ras ki, hasya ras ki kavita, hasya ras ki kavitayen, hindi hasya kavita, hindi hasya ras kavita gallery, indian patriotic poems, karun ras kavita, karun ras kavita in hindi, karuna ras, kavita, navras nine emotions, navras sanskrit, patriotic poems by rabindranath tagore, patriotic poems in english, patriotic poems in english for kids, patriotic poems in hindi, patriotic quotes, patriotic songs, patriotic songs in hindi, poem on karun ras in hindi, poems, poems on karun ras, shringaar ras, shringar ras kavita, shringar ras ki kavita, shringar ras poems in hindi, veer ras kavita, veer ras ki kavitayen
आओ तुम्हे बंगाल दिखा दू
भारत की संस्कृतिक प्राचीर दिखा दू
शांति – क्रांति का अद्भुत मिश्रण
ऐसी बंगाली तासीर दिखा दू
हर हिन्दुस्तानी को गर्व दिया है
वन्देमातरम का तर्ज दिया है
१६ वर्ष में चढ़ा जो फांसी
खुदीराम नाम का अल्ल्हड़ युवा दिया है
८ वर्ष में जिसने बाघ था मारा
कुल्हाड़ी वाला बाघा जतिन दिया है
खून के बदले जो देता आजादी
बाबु सुभाष एक बंगाली नाम दिया है
हरे कृष्ण नाम की सब जपते माला
पहला जपने वाला चैतन्य महाप्रभु दिया है
जिंदगी की रस्ते जब कोई साथ नही दे
तब एकला चोलो का मंत्र दिया है
हिन्दुस्तानी भारत को मेरे
संस्कृतिक एक इतिहास दिया है
आओ तम्हे बंगाल दिखा दू
एक भारत की अद्भुत तस्वीर दिखा दू
भारत की संस्कृतिक प्राचीर दिखा दू
शांति – क्रांति का अद्भुत मिश्रण
ऐसी बंगाली तासीर दिखा दू
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रवि “मुज़फ्फरनगरी”
आमार बांग्ला – शोनार बांग्ला