Posts Tagged ‘patriotic hindi poems’
हे राम तेरी ही धरती पर, अब तेरा कोई काम नही
Posted: January 30, 2016 in Veer RasTags: hindi kavitayein, hindi poems, hindi veer ras kavita for youth, Huge collection of Veer Ras Poems, indian patriotic poems, krodh ras, patriotic, patriotic hindi poems, patriotic quotes, patriotic songs, veer ras kavita, Veer Ras Kavita in Hindi Langauge, Veer Ras ki Kavita, veer ras ki kavitayen
जो फिक्र राष्ट्र की करते है वो नहीं किसी से डरते है
Posted: September 20, 2014 in Veer RasTags: hindi poems, hindi veer ras kavita for youth, Huge collection of Veer Ras Poems, patriotic, patriotic hindi poems, patriotic songs in hindi, poems on Veer Ras Subject, poets, shringar ras poems in hindi, Veer Ras, Veer Ras Hindi Poetry, Veer Ras Kavi, veer ras ki kavitayen, Vyang Kavita in Hindi
जो फिक्र राष्ट्र की करते है
वो नहीं किसी से डरते है
हंस कर सूली चढ़ते है
शत्रु भी उनसे डरते है
वो लहू युवा ही होता है
जिसने गर्म लहू संचार किया
भारत माँ को अपना शीश चढ़ा
भारत माँ का था श्रन्गार किया
अशफाक़ आज़ाद हो सुखदेव भगत
हर ने अल्हड बेबाक अंदाज़ जिया
फांसी के फन्दे चूम उठे
भारत माँ पर सब कुछ वार दिया
क्युकी जो फिक्र राष्ट्र की करते है
वो नहीं किसी से डरते है
हंस कर सूली चढ़ते है
शत्रु भी उनसे डरते है
………………….
आपका अपना
रवि कुमार “रवि”
कब बाधाये रोक सकी है हम आज़ादी के परवानो की
Posted: July 12, 2014 in Veer RasTags: hasya ras ki kavita, Hindi, hindi hasya kavita, HINDI KAVITA, hindi kavita hasya, hindi poems, hindi veer ras kavita for youth, Huge collection of Veer Ras Poems, patriotic hindi poems, patriotic poems in english, patriotic poems in hindi, Veer Ras Hindi Poems collection, Veer Ras Hindi Poetry, Veer Ras Kavi, veer ras ki kavitayen, Vyang Kavita in Hindi
कब बाधाये रोक सकी है
हम आज़ादी के परवानो की
न तूफ़ान भी रोक सका
हम लड़ कर जीने वालो को
हम गिरेंगे, फिर उठ कर लड़ेंगे
ज़ख्मो को खाए सीने पर
कब दीवारे भी रोक सकी है
शमा में जलने वाले परवानो को
गौर ज़रा से सुन ले दुश्मन
परिवर्तन एक दिन हम लायेंगे
ये हमले, थप्पड़ जूतों से
हमको पथ से न भटका पाएंगे
ये ओछी, छोटी हरकत करके
हमारी हिम्मत तुम और बढ़ाते हो
विनाश काले विपरीत बुद्धी
कहावत तुम चरितार्थ कर जाते हो
जब लहर उठेगी जनता में
तुम लोग कभी न बच पाओगे
देख रूप रौद्र तुम जनता का
तुम भ्रष्ट सब नतमस्तक हो जाओगे
——————-
रवि भद्र “रवि”
शब्दों के बुन मैं जाल यहाँ इतिहास बनाने निकला हु
Posted: December 27, 2013 in Veer Ras, VyangTags: hindi kavitayein, hindi poems, hindi veer ras kavita for youth, Huge collection of Veer Ras Poems, indian patriotic poems, patriotic hindi poems, poems on Veer Ras Subject, Veer Ras Hindi Poetry, Veer Ras Kavi, Veer Ras ki Kavita, veer ras ki kavitayen
जहाँ कलम पड़ी रहती सत्ता के गलियारों में
जहाँ शब्द भी बिक जाते चंद सिक्को की झंकारों में
उस भारत की धरती पर अग्निशिखा जलने निकला हु
शब्दों के बुन मैं जाल यहाँ इतिहास बनाने निकला हु
नेता हो, अभिनेता हो यहाँ सब अपने मद जीते है
नही राष्ट्र की फिकर इन्हें ये लहू देस का पीते है
इन सत्ता के लत्खोरो को इनकी औकात बताने निकला हु
अपने शब्दों से आग लगा इनकी चिता जलने निकला हु
शब्दों के बुन मैं जाल यहाँ इतिहास बनाने निकला हु
…………………………………
रवि कुमार “रवि”
लिखने को तो मैं भी रस, छंद अलंकार लिख दू
Posted: October 20, 2013 in Veer Ras, VyangTags: Bhagat Singh, hindi kavitayein, hindi poems, hindi veer ras kavita for youth, Huge collection of Veer Ras Poems, indian patriotic poems, patriotic hindi poems, patriotic poems in hindi, poems on Veer Ras Subject, Veer Ras Kavi, veer ras kavita, Veer Ras ki Kavita, veer ras ki kavitayen
लिखने को तो मैं भी
रस, छंद अलंकार लिख दू
वासना में डूबा हुआ
मैं प्यार लिख दू
मुझमे भी है बाकि अभी
कुछ इश्क की बारीकिया
गर कहो तो शब्दों में मैं
अपनी दिल की हर बात लिख दू
पर तुम बताओ साथिओ
क्या मुल्क के ऐसे हालात है
के तज के खडग हाथो से अपने
प्रेमिका का अपने श्रृंगार कर दू
देती नहीं मुझे इजाज़त
मेरे मुल्क की वीरानिया
ऐसे में छोड़ कर वीर रस
कैसे मैं श्रृंगार और मनुहार लिख दू
………………..
रवि कुमार “रवि”
हम तेरी महफ़िल बस एक कडवा सच बताने आये है
Posted: May 25, 2013 in Veer Ras, VyangTags: hindi kavitayein, Hindi Poetries, Hindi Sahitya, Huge collection of Veer Ras Poems, meri kavitayein, patriotic hindi poems, poems on Veer Ras Subject, Veer Ras, Veer Ras Hindi Poems collection, Veer Ras Hindi Poetry, Veer Ras Kavi, Veer Ras ki Kavita, veer ras ki kavitayen
हम तेरी महफ़िल बस
एक कडवा सच बताने आये है
अस्तीनो में छुपे है जो सांप तेरे
वो विषधर दिखने आये है
रो रही माँ भारती
बिलख बिलख कर
तू जागता क्यों नहीं ऐ नौजवा
माँ भारती का जो है चीर हरते
वो दुशाशन तुझको दिखाने आये है
अब तेरी मर्ज़ी जो हो
वोही तू समझ ले ऐ नौजवान
चाहे बचा ले राष्ट्र अपना
चाहे भुला दे राष्ट्र हित को तू
तेरी बहती नसों में जो आग है
उसकी तपिश तुझको दिखाने आये है
अस्तीनो में छुपे है जो सांप तेरे
वो विषधर दिखने आये है
……………
रवि कुमार “रवि”
श्रृंगार लिखने वालो का कोई तिरस्कार नहीं करता और वीर रस के लेखो पर कोई वाह नहीं करता
Posted: February 3, 2013 in Veer Ras, VyangTags: hindi kavitayein, hindi poems, hindi veer ras kavita for youth, Huge collection of Veer Ras Poems, indian patriotic poems, patriotic hindi poems, patriotic songs, veer ras kavita, Vyang Kavita in Hindi
श्रृंगार लिखने वालो का
कोई तिरस्कार नहीं करता
और वीर रस के लेखो पर
कोई वाह नहीं करता]
प्यार इश्क विश्क की बाते
लोगो की बहुत सुहाती है
ज़ख़्मी शब्दों के घावो पर
देखो कोई उपचार नहीं लिखता
पर फिर भी में लिखता हु
लाल रंग की स्याही से
देश धर्म की रक्षा का मुझको
और कोई औजार नहीं दिखता
…………..
रवि कुमार “रवि”
जय हो गणतंत्र, धन्य हो लोकतंत्र
Posted: January 25, 2013 in VyangTags: hindi poems, hindi veer ras kavita for youth, indian patriotic poems, krodh ras, patriotic, patriotic hindi poems, vyang, Vyang Kavita, Vyang Kavita in Hindi
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर एक छोटी सी रचना
…………………………………………
जय हो गणतंत्र
धन्य हो लोकतंत्र
खड्डे में जनता,
महंगाई से मरता
सिलेंडर में दबता
तेल में जलता
घुटता जनतंत्र
अद्भुत लोकतंत्र
जय हो गणतंत्र
छद्म पंथनिरपेक्षता ढोता
संस्कृति को रोता
आतंकवाद से मरता
अधिकारों को लड़ता
अनगिनत फूहड़ता
चूल्हे में जनतंत्र
जय ही गणतंत्र
उम्मीदों पर जीता
ज़ख्मो को सीता
बचपन को बचाता
सुनहरे ख्वाब देखता
कब आएगा गणतंत्र
जब धन्य होगा लोकतंत्र
और कहेंगे हम
जय हो गणतंत्र
जय हो लोकतंत्र
……………………………..
रवि कुमार “रवि”
आओ तुम्हे बंगाल दिखा दू
Posted: January 16, 2013 in Veer RasTags: hindi poems, hindi veer ras kavita for youth, Huge collection of Veer Ras Poems, indian patriotic poems, karun ras kavita, navras nine emotions, patriotic, patriotic hindi poems, patriotic quotes, shringar ras kavita, shringar ras ki kavita, shringar ras poems in hindi, Veer Ras
आओ तुम्हे बंगाल दिखा दू
भारत की संस्कृतिक प्राचीर दिखा दू
शांति – क्रांति का अद्भुत मिश्रण
ऐसी बंगाली तासीर दिखा दू
हर हिन्दुस्तानी को गर्व दिया है
वन्देमातरम का तर्ज दिया है
१६ वर्ष में चढ़ा जो फांसी
खुदीराम नाम का अल्ल्हड़ युवा दिया है
८ वर्ष में जिसने बाघ था मारा
कुल्हाड़ी वाला बाघा जतिन दिया है
खून के बदले जो देता आजादी
बाबु सुभाष एक बंगाली नाम दिया है
हरे कृष्ण नाम की सब जपते माला
पहला जपने वाला चैतन्य महाप्रभु दिया है
जिंदगी की रस्ते जब कोई साथ नही दे
तब एकला चोलो का मंत्र दिया है
हिन्दुस्तानी भारत को मेरे
संस्कृतिक एक इतिहास दिया है
आओ तम्हे बंगाल दिखा दू
एक भारत की अद्भुत तस्वीर दिखा दू
भारत की संस्कृतिक प्राचीर दिखा दू
शांति – क्रांति का अद्भुत मिश्रण
ऐसी बंगाली तासीर दिखा दू
……………….
रवि कुमार “रवि”
संघर्षो की छाया में हम भारतवंशी पलते आये हैं
Posted: January 14, 2013 in Veer RasTags: hindi kavitayein, hindi veer ras kavita for youth, Huge collection of Veer Ras Poems, patriotic hindi poems, patriotic songs in hindi, Veer Ras, Veer Ras Hindi Poems collection, veer ras kavita
संघर्षो की छाया में हम भारतवंशी पलते आये हैं
तलवारों की गूंजो संग हमने गीत स्वाभिमान के गाये है
अरि मुंडो के ढेर लगा हम निज गौरव मान बढ़ाएंगे
शोणित से भारत माँ का कर वंदन निज भारत नया बनायेंगे
है कौन रहा इस जगह में, जो हम से युद्ध में जीत गया
गौरी हो या हो अफजल, उसको इतिहास हमारा लील गया
भारत माँ की रक्षा को शिवा – पृथ्वी फिर लौट कर आयेंगे
देश धर्म की रक्षा को, फिर से महाभारत नया रचाएंगे
यह भारत की पवन धरती है, गीता रामायण के बोल यहाँ
शास्त्रों के संग शस्त्रो की, संगत रही अनमोल यहाँ
हम बुद्ध संग ध्याते कृष्णा यहाँ, शंखनाद सुनाते आयेंगे
शोणित से भारत माँ का वंदन कर निज भारत नया बनायेंगे
…………………
जय श्री राम
रवि कुमार “रवि”