Posts Tagged ‘hasya ras ki kavita’

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कब बाधाये रोक सकी है
हम आज़ादी के परवानो की
न तूफ़ान भी रोक सका
हम लड़ कर जीने वालो को
हम गिरेंगे, फिर उठ कर लड़ेंगे
ज़ख्मो को खाए सीने पर
कब दीवारे भी रोक सकी है
शमा में जलने वाले परवानो को
गौर ज़रा से सुन ले दुश्मन
परिवर्तन एक दिन हम लायेंगे
ये हमले, थप्पड़ जूतों से
हमको पथ से न भटका पाएंगे
ये ओछी, छोटी हरकत करके
हमारी हिम्मत तुम और बढ़ाते हो
विनाश काले विपरीत बुद्धी
कहावत तुम चरितार्थ कर जाते हो
जब लहर उठेगी जनता में
तुम लोग कभी न बच पाओगे
देख रूप रौद्र तुम जनता का
तुम भ्रष्ट सब नतमस्तक हो जाओगे
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रवि भद्र “रवि”

एक छुटभैय्या नेता बोला
हे कविवर
मुझे बताओ, हो सके
तो ज़रा समझाओ
क्यों तुम्हारी बिरादरी वाले
हम पर ही नज़रे गडाये रहते हैं
न डॉक्टर, न इंजिनियर
हमारी ही बजाये रहते है
क्यों हमारे कपडे फाड़ रहे हो
उठा कर बाहर की धूल
क्यों हमारे बदन पर झाड रहे हो
ये बताओ हमें मान्यवर
किस जन्म का बदला ले रहे हो
तब मैं थोड़ा मुस्कुराया
और अपनी खांटी देसी भाषा मे
उसको तनिक समझाया
नेता जी आप देश को
निरंतर चर्र रहे हो
खाकर सारा देस भी
डकार तक नही भर रहे हो
आज सारे देश में
घोटालो का गड़बड़झाला है
तुम्हारी तो है रोज़ दीवाली
देश का निकला दिवाला है
जब जब तुम जैसे कपटी
देश की ठगने आयेंगे
तब तब मेरे जैसे युवा ह्रदय भी
कलम की तलवार उठाएंगे
भारत माँ ने पाला है हमको
भारत माँ का हम पर क़र्ज़ है
और अपनी मातृभूमि की रक्षा को
हर भ्रष्ट नेता के कपडे
फाड़ना हमारा फ़र्ज़ है
अपने शब्दों की ढाल से ही
हम भ्रष्टो की सत्ता यूँ ही बदलते है
फाड़ कर ऐसे नेताओं के कपडे
उन्हें ऐसे ही चींटी सा मसलते हैं
…………….
रवि कुमार ” रवि”

howrah bridge of Kolkata

howrah bridge, Pride of Bengal, Bengali Culture

आओ तुम्हे बंगाल दिखा दू
भारत की संस्कृतिक प्राचीर दिखा दू
शांति – क्रांति का अद्भुत मिश्रण
ऐसी बंगाली तासीर दिखा दू
हर हिन्दुस्तानी को गर्व दिया है
वन्देमातरम का तर्ज दिया है
१६ वर्ष में चढ़ा जो फांसी
खुदीराम नाम का अल्ल्हड़ युवा दिया है
८ वर्ष में जिसने बाघ था मारा
कुल्हाड़ी वाला बाघा जतिन दिया है
खून के बदले जो देता आजादी
बाबु सुभाष एक बंगाली नाम दिया है
हरे कृष्ण नाम की सब जपते माला
पहला जपने वाला चैतन्य महाप्रभु दिया है
जिंदगी की रस्ते जब कोई साथ नही दे
तब एकला चोलो का मंत्र दिया है
हिन्दुस्तानी भारत को मेरे
संस्कृतिक एक इतिहास दिया है
आओ तम्हे बंगाल दिखा दू
एक भारत की अद्भुत तस्वीर दिखा दू
भारत की संस्कृतिक प्राचीर दिखा दू
शांति – क्रांति का अद्भुत मिश्रण
ऐसी बंगाली तासीर दिखा दू
……………….
रवि “मुज़फ्फरनगरी”
आमार बांग्ला – शोनार बांग्ला