जो फिक्र राष्ट्र की करते है
वो नहीं किसी से डरते है
हंस कर सूली चढ़ते है
शत्रु भी उनसे डरते है
वो लहू युवा ही होता है
जिसने गर्म लहू संचार किया
भारत माँ को अपना शीश चढ़ा
भारत माँ का था श्रन्गार किया
अशफाक़ आज़ाद हो सुखदेव भगत
हर ने अल्हड बेबाक अंदाज़ जिया
फांसी के फन्दे चूम उठे
भारत माँ पर सब कुछ वार दिया
क्युकी जो फिक्र राष्ट्र की करते है
वो नहीं किसी से डरते है
हंस कर सूली चढ़ते है
शत्रु भी उनसे डरते है
………………….
आपका अपना
रवि कुमार “रवि”
जो फिक्र राष्ट्र की करते है वो नहीं किसी से डरते है
Posted: September 20, 2014 in Veer RasTags: hindi poems, hindi veer ras kavita for youth, Huge collection of Veer Ras Poems, patriotic, patriotic hindi poems, patriotic songs in hindi, poems on Veer Ras Subject, poets, shringar ras poems in hindi, Veer Ras, Veer Ras Hindi Poetry, Veer Ras Kavi, veer ras ki kavitayen, Vyang Kavita in Hindi
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