श्रृंगार लिखने वालो का
कोई तिरस्कार नहीं करता
और वीर रस के लेखो पर
कोई वाह नहीं करता]
प्यार इश्क विश्क की बाते
लोगो की बहुत सुहाती है
ज़ख़्मी शब्दों के घावो पर
देखो कोई उपचार नहीं लिखता
पर फिर भी में लिखता हु
लाल रंग की स्याही से
देश धर्म की रक्षा का मुझको
और कोई औजार नहीं दिखता
…………..
रवि कुमार “रवि”
श्रृंगार लिखने वालो का कोई तिरस्कार नहीं करता और वीर रस के लेखो पर कोई वाह नहीं करता
Posted: February 3, 2013 in Veer Ras, VyangTags: hindi kavitayein, hindi poems, hindi veer ras kavita for youth, Huge collection of Veer Ras Poems, indian patriotic poems, patriotic hindi poems, patriotic songs, veer ras kavita, Vyang Kavita in Hindi
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